अमेरिका समेत दुनिया के कई देश आजकल भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं। एशिया और यूरोप महाद्वीप में सैकड़ों लोगों की जान अब तक गर्मी से जा चुकी है। सऊदी अरब में तापमान 51 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहा। बुधवार को न्यूयार्क में सेंट्रल पार्क में अधिकतम तापमान 41.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

लोगों ने गर्मी से राहत पाने के लिए पूलों का सहारा लिया जोकि आधी रात तक खुले रहे। इस दौरान न्यूयार्क शहर में 21 लोगों की डूबने से मौत हो गई। इनमें वयस्क और बच्चे दोनों शामिल रहे। हालांकि वे तैरना नहीं जानते थे मगर गर्मी से बेचैन होकर ठंडक पाने को पानी में कूद गए।

अमेरिका में 1936 में भयंकर गर्मी पड़ी थी

इससे पहले अमेरिका में 1936 में भयंकर गर्मी पड़ी थी। तब इलिनोइस में तापमान 37.7 डिग्री और नार्थ डकोटा में 48.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था और जिससे करीब 5,000 लोगों की मौत हो गई थी।

लोगों को गर्मी में बाहर न निकलने की सलाह

अमेरिकी मौसम विभाग ने फीनिक्स सहित कई क्षेत्रों तापमान 45.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान लगाया है। उधर, सर्बिया में मौसम विज्ञानियों ने इस सप्ताह लगभग 40 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज करने की बात कही है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने रेड अलर्ट घोषित करते हुए लोगों को गर्मी में बाहर न निकलने की सलाह दी है। बेलग्रेड में भी हाल बेहाल है। गर्मी के चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है।

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