पाकिस्तान के राजनीतिक गलियारे में हलचल जारी है। अब देश में सियासी तनाव कम करने के लिए यहां के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने नया कदम उठाया है। उन्होंने जेयूआई-एफ के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के सामने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएलएन) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा बनने का प्रस्ताव रखा है।एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और अन्य छोटे दलों द्वारा समर्थित गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे शरीफ गुरुवार को जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम एफ के 70 वर्षीय प्रमुख रहमान के घर गए और उनका हालचाल पूछा। इस दौरान 72 वर्षीय प्रधानमंत्री ने मौजूदा राजनीतिक मुद्दों के समाधान के लिए उनके सामने एक समिति के गठन का प्रस्ताव दिया। साथ ही उनसे सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने के लिए भी कहा। 

प्रधानमंत्री कार्यालय के एक सूत्र के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि जेयूआईएफ नेता को सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने और देश में राजनीतिक तनाव को कम करने के लिए प्रस्तावित समिति में अहम भूमिका निभाने का प्रस्ताव दिया गया था। हालांकि, जेयूआई-एफ के एक प्रवक्ता की माने तो मौलाना रहमान ने सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया है।  उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि यह सच है कि जेयूआईएफ सरकार में शामिल होगी। सत्ता की तलाश हमारी राजनीति का हिस्सा नहीं है। मौजूदा सरकार के गठन से पहले ही हमारे पास बेहतर पेशकश थी।'

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