दुनिया में सिर्फ दो देश ऐसे हैं जहां आज तक तलाक को मंजूरी नहीं मिल पाई है।

एशियाई देश फिलिपींस में तलाक को लेकर कोई कानून नहीं है। ऐसे में नाखुश कपल को अलग होने के लिए अपना धर्म परिवर्तन तक करना पड़ता है। सरकार ने अब तलाक को लेकर कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है।

पिछले हफ्ते यहां निचले सदन में सरकार की ओर से प्रस्ताव भी पेश किया गया। उम्मीद है कि अगस्त महीने में सरकार तलाक को लेकर बिल पास कर देगी। फिलिपींस में सिर्फ एक ही समुदाय के लिए तलाक को लेकर मंजूरी नहीं है। ऐसा क्यों है और इसका इतिहास क्या है?

फिलिपींस में कैथोलिक समुदाय के लिए तलाक आज भी अवैध है। इस समुदाय में शादी एक पवित्र बंधन माना जाता है, जिसमें अलग होने का कोई विकल्प नहीं है।

वेटिकन सिटी के अलावा एशियाई देश फिलिपींस में इस समुदाय के लिए तलाक को लेकर कोई कानून नहीं है। ऐसे में अब फिलीपींस सरकार ने लोगों की मांग और नाखुश कपल को राहत देने के लिए इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है।

विधेयक अगस्त में सीनेट में पहुंचेगा और फिर कानून बनने के लिए इसे राष्ट्रपति की मंजूरी की जरूरत है।

फिलीपींस समाचार एजेंसी के हवाले से सांसद एडसेल लैगमैन ने कहा कि तलाक को वैध बनाकर फिलीपींस “दुखी और नाखुश शादीशुदा जोड़े के लिए विकल्प प्रदान करने जा रहा है। वे

फिलीपींस में तलाक का इतिहास
16वीं शताब्दी में स्पेनिश शासन से पहले फिलीपींस में तलाक की अनुमति थी। 1917 में अमेरिकी शासन के दौरान फिलिपींस में व्यभिचार और वैश्या के आरोप में लोग अपनी शादी को समाप्त कर सकते थे।

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान फिलीपींस पर कब्जा करने वाले जापानियों ने तलाक कानून का विस्तार किया। जिसके बाद फिलीपींस में तलाक लेने के लिए 11 आधारों की अनुमति मिली।

नाखुश कपल बदल देते हैं अपना धर्म
1950 में फिलीपींस का नागरिक संहिता लागू होने पर तलाक कानून को रद्द कर दिया गया था। फिलीपींस में मुसलमानों को तलाक की अनुमति है लेकिन, कैथोलिक चर्च के कारण यह आज भी अवैध है।

ऐसे में नाखुश कपल को अलग होने के लिए मजबूरी में अपना धर्म परिवर्तन करना पड़ा है। 2020 की जनगणना के अनुसार, फिलीपींस में रोमन कैथोलिक की आबादी 78.8% हैं जबकि 6.4% मुस्लिम हैं। 

नए बिल में क्या है?
तलाक के लिए लाया जा रहा नया बिल पूर्ण तलाक पर आधारित है। इसमें मनोवैज्ञानिक अक्षमता, आपसी मतभेद, समलैंगिकता, घरेलू या वैवाहिक दुर्व्यवहार शामिल है।

नए बिल के मुताबिक, पीड़ित या पीड़िता अपने पार्टनर के अनुचित व्यवहार के आधार पर तलाक ले सकेगा। धार्मिक या राजनीतिक दबाव के आधार पर भी तलाक मंजूर होगा।

पार्टनर के नशीली दवाओं की लत, आदतन शराबी या जुआरी होने पर भी तलाक लिया जा सकेगा। शादीशुदा होने के बावजूद पार्टनर से बेवफाई या किसी अन्य से बच्चा पैदा करने की स्थिति पर भी तलाक लिया जा सकेगा। 

2018 में विरोध के बाद वापस हुआ बिल
2018 में, इसी तरह का एक कानून सदन में पारित हुआ था लेकिन भारी विरोध के बाद इसे मंजूरी नहीं मिल पाई थी।

क्योंकि फिलीपींस में सबसे ज्यादा आबादी कैथोलिक समुदाय की है तो चर्च के विरोध के बाद इसे वापस लेना पड़ा था। चर्च के मुताबिक, यह कानून प्रभु यीशु मसीह द्वारा बनाए गए नियमों का अपमान है।

हालांकि अब तलाक को लेकर देश में फिर चर्चा गर्म है। स्थानीय सर्वेक्षणों से पता चलता है कि फिलीपींस के आधे से अधिक लोग तलाक को वैध बनाने का समर्थन करते हैं।

फरवरी में तलाक के लिए आवेदन करने वाली एक महिला ने बिजनेस वर्ल्ड को बताया, “गलत व्यक्ति से शादी करने से आपका जीवन नहीं रुकना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि हर किसी को शादी में दूसरा मौका मिलेगा। 

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