गाजा में सीजफायर को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अमेरिका का प्रस्ताव चीन और रूस की वजह से पास नहीं हो पाया।

चीन और रूस ने प्रस्ताव के खिलाफ वीटो पावर का इस्तेमाल किया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 स्थायी और अस्थायी सदस्यों ने वोटिंग की जिसमें 11 ने पक्ष में मतदान किया वहीं तीन ने विपक्ष में। एक सदस्य गुयाना ने वोटिंग से किनारा कर लिया।

इस प्रस्ताव में गाजा में तत्काल 6 सप्ताह का सीजफायर करने और मानवीय सहायता पहुंचाने की बात कही गई थी।

बता दें कि पांच महीने से चल रहे युद्ध में अब तक अमेरिका का स्टैंड सीजफायर को लेकर प्रतिकूल ही रहा है। हालांकि अब वह इजरायल के प्रति सख्त नजर आ रहा है।

यूएन में अमेरिका की राजदूत लिंडा थॉमस ने कहा, इस प्रस्ताव को पास ना करके एक ऐतिहासिक भूल की गई है।

वहीं रूस के राजदूत विसिली नेबेंजिा ने कहा, इस प्रस्ताव के जरिए अमेरिका इजरायल को राफा बॉर्डर पर हमला करने का ग्रीन सिग्नल देना चाहता था। इस इलाके में गाजा के लगभग 23 लाख लोग रहते हैं। 

उन्होंने कहा, इससे गाजा में इजरायल को फ्री हैंड मिल जाता और फिर वह तबाही और हमले तेज कर देता। उन्होंने कहा कि यूएनएससी के अस्थायी सदस्यों ने एक वैकल्पिक प्रस्ताव ड्राफ्ट किया है।

यह बैलेंस प्रस्ताव है और हर सदस्य इसका समर्थन करेगा। यूएन में चीन के राजदूत ने भी इस वैकल्पिक प्रस्ताव का समर्थन किया है।

वहीं रूस के राजदूत ने इसे भी अपर्याप्त बताया है। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव में भी कुछ कमी है। इससे हमास को डील से भागने का मौका मिल सकता है। 

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गुरुवार को कहा था कि उन्हें कतर में होने वाली वार्ता से उम्मीद है कि गाजा में कम से कम 6 सप्ताह का सीजफायर होगा।

इसके अलावा 40 इजरायली बंधकों की रिहाई और जेल से फिलिस्तीनियों की रिहाई होगी। वहीं अब यूएनएससी में 10 अस्थायी सदस्यों द्वारा ड्राफ्ट किया गया प्रस्ताव पेश किया जा सकता है।

इसमें रमजान के दौरान तुरंत सीजफायर को लागू करने की बात कही गई है। 

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