पाकिस्तान में आम चुनाव के बाद एक बाऱ शरीफ खानदान के हाथ देश की बागडोर आ चुकी है। पीएम बनने का सपना लेकर लंदन से इस्लामाबाद पहुंचे नवाज शरीफ को जनता ने सत्ता तो नहीं दी लेकिन, किसी तरह शरीफ और भुट्टो परिवार मिलकर सरकार चला रहे हैं।

देश की कमान छोटे भाई शहबाज शरीफ के कंधों पर है तो पंजाब प्रांत की बागडोर मरियम नवाज के पास। हालांकि नवाज शरीफ के दिमाग से सत्ता मोह का फितूर अभी तक नहीं निकल पाया है। इस बार उन्होंने अपनी बेटी मरियम की मुश्किल खड़ी कर दी है। कोई आधिकारिक पद न होने के बावजूद वो पंजाब में अधिकारियों की मीटिंग लेते और उन्हें हड़काते हुए दिखे।

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ के बड़े भाई नवाज शरीफ एक नए विवाद में पड़ गए हैं। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (पीएमएल-एन) के शीर्ष नेता नवाज़ शरीफ ने पंजाब सरकार की तीन प्रशासनिक बैठकों की अध्यक्षता कर विवाद खड़ा कर दिया है।

विपक्ष इस कदम पर नवाज की जमकर आलोचना कर रहा है। विपक्षी दलों का आरोप है कि नवाज के पास प्रांतीय या संघीय सरकार में कोई भी पद नहीं है, ऐसे में वो सरकारी अधिकारियों की मीटिंग कैसे ले सकते हैं?

पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रहे शरीफ पिछले महीने हुए आम चुनाव चुनाव के बाद से सार्वजनिक तौर पर नहीं दिखे थे। ‘डॉन’ अखबार की खबर के मुताबिक, शरीफ ने सोमवार को उनकी बेटी मरियम नवाज़ के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की तीन बैठकों की अध्यक्षता की। 

बैठक के बाद जारी किए गए बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ पार्टी के शीर्ष नेता ने भूमिगत ट्रेन और मेट्रो बस समेत विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, किसानों की दुर्दशा, छात्रों के लिए इलेक्ट्रिक बाइक और रमज़ान राहत पैकेज के संबंध में मंत्रियों तथा अधिकारियों को निर्देश जारी किए।

शरीफ के इन बैठकों की अध्यक्षता से कई सवाल भी उठ रहे हैं, क्योंकि उनके पास प्रांतीय या संघीय सरकार में कोई आधिकारिक पद नहीं है और वह सिर्फ नेशनल असेंबली के सदस्य हैं।

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