गाजा शहर को कब्रिस्तान बना चुकी बेंजामिन नेतन्याहू की सेना आईडीएफ अब राफा शहर की ओर बढ़ रही है।
अमेरिका समेत दुनिया के तमाम देशों के विरोध और डब्ल्यूएचओ की अपील के बावजूद इजराइल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को कहा कि उनकी सेना गाजा के राफा शहर में जमीनी हमले से पीछे नहीं हटेगी।
उन्होंने हमास के पूर्ण खात्मे की कसम दोहराई है। नेतन्याहू की जिद के बाद राफा में शरण लेने वाले फिलिस्तीनी नागरिकों का जीवन खतरे में पड़ गया है।
एक अनुमान के मुताबिक, गाजा से भागकर 15 लाख फिलिस्तीनियों ने राफा शहर में शरण ले रखी है।
इससे पहले नेतन्याहू की सेना गाजा शहर में कत्लेआम के दौरान हजारों लोगों की जान ले चुकी है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इजरायल के हमले से गाजा शहर में मरने वालों की संख्या 31 हजार पार कर गई है। इसमें ज्यादातर महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं।
गाजा में स्वास्थ्य सुविधाएं ध्वस्त हो चुकी हैं। शहर वीरान हो चुका है और हर ओर तबाही के निशान हैं। अब नेतन्याहू ने राफा में जमीनी हमले का आह्वान किया है।
जब से नेतन्याहू राफा पर हमले की जिद पर अड़े हैं, तब से दुनिया के कई देशों को वहां शरण लिए फिलिस्तीनियों की जान की चिंता सता रही है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जो युद्ध की शुरुआत से इजरायल को अरबों डॉलर की सैन्य सहायता प्रदान कर चुके हैं, गाजा के बाद राफा में युद्ध की धमकी पर चिंता जता चुके हैं।
उनका कहना है कि नागरिकों की सुरक्षा के लिए विश्वसनीय उपाय फिक्स किए बिना राफा पर आक्रमण एक “लाल रेखा” साबित होगी। उधर, संयुक्त राष्ट्र विश्व स्वास्थ्य संगठन ने “मानवता के नाम पर” इजरायल से राफा पर हमला नहीं करने का आग्रह किया। चेतावनी दी कि “इस मानवीय आपदा को बदतर नहीं होने देना चाहिए”।
राफा में 15 लाख गाजावासियों ने ली है शरण
इजरायल ने बार-बार राफा में हमास आतंकवादियों के खिलाफ जमीनी हमले शुरू करने की धमकी दी है।
राफा में इस वक्त 15 लाख गाजावासी रह रहे हैं, जो इजरायली हमले के बाद शहर में शरण लिए हुए हैं। इजरायल के हमले के बाद लाखों फिलिस्तीनियों के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है।