मालदीव के आगामी 21 अप्रैल को लोकसभा चुनाव होने हैं।

मालदीव के चुनाव आयोग ने रविवार को जानकारी दी कि संसदीय चुनाव में मतपेटियों को भारत समेत तीन देशों में भेजा जाएगा, यानी मालदीव के बाहर भी वोटिंग होगी।

दरअसल, मालदीव के 11 हजार लोगों ने अपने मतदान केंद्रों को स्थानांतरित करने के लिए पुन: पंजीकरण का अनुरोध किया है।

स्थानीय मीडिया की खबरों में कहा गया है कि 21 अप्रैल के चुनावों के लिए लोगों को अपने मतदान केंद्रों को स्थानांतरित करने के संबंध में दी गई छह दिन की अवधि शनिवार को समाप्त हो गई।

मालदीव के चुनाव आयोग ने कहा कि देश के चुनावों के लिए मतपेटियां केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम, श्रीलंका के कोलंबो और मलेशिया के कुआलालंपुर में भी रखी जाएंगी, क्योंकि तीनों देशों में से प्रत्येक में कम से कम 150 लोग मतदान करने के लिए पुन: पंजीकरण कराएंगे।

भारत समेत तीन देशों में वोटिंग
वेब पोर्टल ‘अदाधू डॉट कॉम’ के मुताबिक, निर्वाचन आयोग के महासचिव हसन जकारिया ने कहा, ‘‘पहले की तरह, श्रीलंका और मलेशिया में कई लोगों ने पंजीकरण कराया है। भारत के तिरुवनंतपुरम में 150 लोगों ने पंजीकरण कराया है, इसलिए हमने वहां एक मतपेटी रखने का फैसला किया है।’’

निर्वाचन आयोग को इस अवधि के दौरान विभिन्न मतदान केंद्रों पर पुन: पंजीकरण का अनुरोध करने वाले 11,169 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। ‘एडिशन डॉट एमवी’ समाचार पोर्टल की खबर के अनुसार, आयोग ने 1,141 फॉर्म खारिज कर दिए, जिसके बाद पंजीकरण के लिए कुल आवेदन 10,028 हैं।

पिछले चुनावों की तुलना में इस साल पुन: पंजीकरण कराने वालों की संख्या कम होने का जिक्र करते हुए जकारिया ने कहा कि ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और थाईलैंड में मतदान नहीं होगा।

मालदीव में संसदीय चुनाव रविवार को होने थे। हालांकि, रमजान के महीने के दौरान चुनाव की तारीख अभी टाल दी गई है। संसदीय चुनाव अब 21 अप्रैल को होने हैं।

भारत समर्थक दल सबसे अधिक सीटों पर लड़ रहा चुनाव
‘सनडॉटएमवी’ समाचार पोर्टल के अनुसार, मालदीव की 93 संसदीय सीटों के लिए कुल 389 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं।

जिसमें सबसे अधिक संख्या में उम्मीदवार भारत समर्थक मुख्य विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) से हैं-जो 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

इसके बाद प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) और पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) का सत्तारूढ़ गठबंधन है, जो 89 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है।

चीन समर्थक माने जाने वाले राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पिछले साल भारत विरोधी रुख के साथ सत्ता में आए थे। वह पीएनसी से जुड़े हैं।

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