लंदन से यूएई शिफ्ट हुए भारतीय मूल के इन्वेस्टमेंट बैंकर विशाल पटेल ने मंदिर में सेवा करने के लिए करोड़ों की नौकरी को ठोकर मार दी।

अब वह यूएई के अबूधाबी में नवनिर्मित बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामिनारायण संस्था (BAPS) मंदिर में सेवा करेंगे। बता दें कि वह पहले लंदन के मंदिर में भी सेवा दे चुके हैं।

उन्होंने कई सालों तक वॉलंटियर के रूप में यहां मंदिर को सेवाएं दीं। इसके बाद लंबे समय तक वह इन्वेस्टमेंट बैंकिंग सेक्टर से जुड़े रहे। अब फिर से उन्होंने मंदिर की सेवा करने का फैसला कर लिया है।

बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबूधाबी में मंदिर का उद्घाटन किया था। यह मंदिर 27 एकड़ जमीन में बना हुआ है।

नागर शैली में बना यह मंदिर बेहद भव्य है। यूके से यूएई शिफ्ट होने के बाद से ही विशाल पटेल इस मंदिर से किसी ना किसी रूप में जुड़े थे। व

हीं 14 फरवरी को उद्घाटन कार्यक्रम में भी वह मेहमानों के स्वागत का काम संभाल रहे थे। अब वह मंदिर में चीफ कम्युनिकेशन ऑफिसर के तौर पर काम करेंगे और मंदिर की कई जिम्मेदारियां संभालेंगे। 

बता दें कि विशाल पटेल का परिवार गुजरात से ताल्लुक रखता है। हालांकि उनका जन्म लंदन में ही हुआ था। वह 2016 में यूएई गए और फिर दुबई इंटरनेशनल फाइनेंशल सेंटर के साथ काम करना शुरू किया।

पटेल ने खलीज टाइम्स के साथ बातचीत में कहा, 2016 से ही हमारा परिवार यूएई में रहने लगा। पहले मेरा करियर ही मेरी प्रथामिकता थी।

हालांकि यूएई में बने इस मंदिर ने मेरे ऊपर बहुत असर डाला और एक अलग पहचान दिलाई। अब मेरे पास मंदिर की सेवा करने का अवसर है और इसे मैं गंवाना नहीं चाहता। 

उनका परिवार भी लंदन में BAPS मंदिर से जुड़ा रहा। पटेल ने कहा, मंदिर के निर्माण में भी मैं सक्रिय रहा और अब इसमें सेवा करने का मौका है।

मैंने मंदिर में सुरक्षा के लिए कंटीले तार लगवाने से लेकर मेहमानों को खाना खिलाने तक की व्यवस्था देखी। मेरी तरह बहुत सारे लोग हैं जो कि अपना जीवन मंदिर को देना चाहते हैं।

बता दें कि विशाल पटेल ने लंदन यूनिवर्सिटी से इकनॉमिक्स की डिग्री ली। लंदन के मंदिर में काम करने के दौरान ही उनकी मुलाकात मेरिल लिंच नाम के शख्स से हुई जिसने इन्वेस्टमेंट बैंकिंग इंडस्ट्री में जोर आजमाने की सलाह दी थी।

इसके बाद से वह अपने करियर की ऊंचाइयों की ओर बढ़ने लगे। अब उन्होंने करोड़ों की नौकरी को छोड़कर फिर से अध्यात्म की ओर रुख करने का  फैसला कर लिया है। 

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