कई महीनों की कठिन बातचीत के बाद और विदेशों में अमेरिका की भूमिका पर रिपब्लिकन पार्टी में बढ़ते राजनीतिक विभाजन और रोष के बीच अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट ने मंगलवार को यूक्रेन, इज़राइल और ताइवान के लिए 95.3 अरब अमेरिकी डॉलर का सहायता पैकेज पारित कर दिया।
     
यूक्रेन के लिए 60 अरब अमेरिकी डॉलर के पैकेज पर मतदान रिपब्लिकन पार्टी के एक छोटे समूह द्वारा सीनेट में विरोध किए जाने के बाद हुआ।

बहस के अंतिम घंटों में विरोध करने वाले सांसदों ने कहा कि अमेरिका को विदेशों में अधिक धन भेजने से पहले अपनी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए लेकिन एक दर्जन से अधिक रिपब्लिकन ने पैकेज को पारित करने के लिए लगभग सभी डेमोक्रेट सांसदों के साथ मतदान किया।

समर्थकों ने तर्क दिया कि यूक्रेन को बीच में छोड़ने से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बढ़ावा मिल सकता है और इससे दुनिया भर में राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

सहायता पैकेज 29 के मुकाबले 70 मतों से पारित हो गया।
     
कानून पर रिपब्लिकन नेता मिच मैक्कोनेल के साथ मिलकर काम करने वाले सीनेट के बहुमत के नेता चक शूमर ने कहा, ”वर्षों, शायद दशकों हो गए हैं, जब सीनेट ने एक ऐसा विधेयक पारित किया है जो न केवल हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा, न केवल हमारे सहयोगियों की सुरक्षा, बल्कि पश्चिमी लोकतंत्र की सुरक्षा पर भी बहुत प्रभाव डालता है।”
     
सहायता पैकेज में यूक्रेन की सहायता के साथ ही हमास के खिलाफ इजराइल के युद्ध के लिए 14 अरब अमेरिकी डॉलर, चीन का मुकाबला करने के लिए ताइवान और हिंद-प्रशांत में साझेदारों के लिए आठ अरब अमेरिकी डॉलर तथा गाजा के लिए मानवीय सहायता के रूप में 9.2 अरब अमेरिकी डॉलर देने की बात कही गई है।

गौरतलब है कि गाजा पट्टी में इजरायल-हमास के बीच चल रहे युद्ध पर तुरंत सीजफायर चाहता है और टू स्टेट थ्योरी के तहत समाधान चाहता है और इसके लिए वहां के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन कई बार मिडिल-ईस्ट के दौरे कर चुके हैं लेकिन दूसरी तरफ इजरायल को अरबों डॉलर गोला बारूद खरीदने दे रहा है।

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