संसद के मौजूदा बजट सत्र को एक दिन बढ़ाकर शनिवार तक किया जा रहा है।

यह जानकारी संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने यहां दी। सूत्रों ने बताया कि सरकार 2014 से पहले और बाद में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति की तुलना करते हुए एक ‘श्वेत पत्र’ पेश करने की योजना बना रही है। ब

जट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी को हुई थी और इसे नौ फरवरी को समाप्त होना था। गौरतलब है कि आम चुनाव से पहले मोदी सरकार कांग्रेस खासतौर पर यूपीए शासनकाल पर खासी हमलावर है।

पीएम मोदी ने भी अपने संबोधन के दौरान इस पर निशाना साधा था।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण में कहा था कि केंद्र सरकार 2014 से पहले और बाद की भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति की तुलना करते हुए एक ‘श्वेत पत्र’ जारी करेगी।

उन्होंने कहा था कि उन दिनों के संकट को दूर कर लिया गया है और अर्थव्यवस्था को सर्वांगीण विकास के साथ उच्च सतत विकास पथ पर मजबूती से स्थापित किया गया है।

वित्त मंत्री ने एक फरवरी को अपने भाषण में कहा था कि केवल उन वर्षों के कुप्रबंधन से सबक लेने के उद्देश्य से अब यह देखना उचित है कि हम 2014 तक कहां थे और अब कहां हैं। सरकार सदन के पटल पर एक श्वेत पत्र रखेगी।

गौरतलब है कि संसद की कार्यवाही आमतौर पर सप्ताहांत में नहीं होती है। लेकिन हाल के वर्षों में ऐसे कई उदाहरण हैं, जब सदन की बैठक शनिवार को आहूत की गई है।

माना जा रहा है सरकार का यह कदम कांग्रेस के खिलाफ हमलों की ताजा कड़ी है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार लगातार पूर्ववर्ती शासन पर सवाल खड़े कर रही है।

लोकसभा में बोलते हुए सोमवार को पीएम मोदी ने जवाहर लाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी तक पर सवाल उठाए थे।

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