हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति एकादशी व्रत का पालन करता है, उन्हें सभी कष्टों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर देवशयनी एकादशी व्रत का पालन किया जाता है। इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की उपासना करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।

पंचांग में बताया गया है कि इस वर्ष देवशयनी एकादशी व्रत का पालन 17 जुलाई 2024, बुधवार के दिन किया जाएगा और इस दिन कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। एकादशी तिथि का समापन 17 जुलाई रात्रि 09:02 पर होगा और व्रत का पारण 18 जुलाई के दिन किया जाएगा।

देवशयनी एकादशी 2024 शुभ मुहूर्त-
पंचांग के अनुसार देवशयनी एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, शुभ और शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है। सर्वार्थ और अमृत सिद्धि योग सुबह 05:32 से पूर्ण रात्रि तक रहेंगे। शुभ योग सुबह 07:05 तक रहेगा और इसके बाद शुक्ल योग शुरू हो जाएगा। दान के लिए अभिजीत और विजय मुहूर्त को बहुत ही उत्तम माना जाता है। अभिजीत मुहूर्त का निर्माण नहीं हो रहा है। वहीं विजय मुहूर्त दोपहर 02:45 से दोपहर 03:45 के बीच रहेगा।

देवशयनी एकादशी पूजा विधि-
एकादशी व्रत पर सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और इसके बाद भगवान विष्णु को स्मरण करके एकादशी व्रत का संकल्प लें।
ऐसा करने के बाद पूजा स्थल पर एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं और उस पर श्री हरि की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
इसके बाद पंचामृत से भगवान विष्णु का भी करें और गंध, पुष्प, धूप, दीप इत्यादि सेकी उपासना करें।
इस दौरान श्री हरि के मंत्र और स्तोत्र का पाठ जरूर करें।
पूजा के अंत में भगवान विष्णु की आरती के साथ पूजा संपन्न करें।

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