नई दिल्ली। संसद में धनवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी के हिंदू वाले बयान पर संसद में घमासान मचा हुआ है। राहुल गांधी के पीएम मोदी और बीजेपी पूरा हिंदू समाज नहीं होने वाले बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। पीएम मोदी ने अपनी सीट पर खड़े होकर कहा कि हिंदू को हिंसक कहना गलत है।

पीएम मोदी ने कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर बात है। इस पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी को अभय की बात करने का कोई हक नहीं है। इन्होंने इमरजेंसी के दौरान पूरे देश को भयभीत करा। इनको सदन में माफी मांगनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने देश में आपातकाल लगाकर बंद कर दिया था। इस धर्म पर करोड़ों लोग गर्व से हिंदू कहते हैं। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस्लाम में अभय मुद्रा पर एक बार वो इस्लामिक विद्वानों की राय लें।

राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि तेज आवाज में बोलने और शोर शराबा कर के इतने बड़े मुद्दे को दबाया नहीं जा सकता है। विपक्ष के नेता ने कहा है कि जो अपने आप को हिंदू कहते हैं वो हिंसा करते हैं। इस देश में करोड़ों लोग अपने आप को गर्व से हिंदू कहते हैं, क्या वो सभी हिंसा करते हैं? हिंसा की भावना को किसी धर्म के साथ जोड़ना, इस सदन में और वो भी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा गलत है। इसी के साथ अमित शाह ने राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग भी की।

राहुल गांधी के भाषण के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी चेयर से खड़े होकर कहा कि मुझे लोकतंत्र ने सिखाया है कि विपक्ष के नेता को गंभीरता से लेना चाहिए। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि ये जो मैंने अयोध्या पर बोला है, अनुराग ठाकुरजी अयोध्या की बात कर रहे थे, उस पर की है।

राहुल गांधी ने कहा कि अयोध्या में बीजेपी वालों ने डराया। वहां के छोटे-छोटे व्यापारियों को डराया गया। राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदीजी अयोध्या के लोगों की छोड़ो, बीजेपी वालों को डराते हैं। राजनाथ और गडकरी जी इनके सामने नमस्ते तक नहीं करते।

 

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