सरकार ने कीमतों पर नियंत्रण के लिए पांच लाख टन प्याज खरीदने के कुल लक्ष्य में से बफर स्टॉक के लिए इस साल अब तक लगभग 71,000 टन प्याज की खरीदारी की है। साथ ही, सरकार को उम्मीद है कि देश के अधिकांश हिस्सों में मानसून की प्रगति के साथ खुदरा कीमतें कम होंगी। उपभोक्ता मामलों के विभाग की ओर से एकत्रित आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को प्याज का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 38.67 रुपये प्रति किलोग्राम था, जबकि उच्च गुणवत्ता वाले प्यात का मूल्य 40 रुपये प्रति किलोग्राम रहा।उपभोक्ता मामलों के विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 20 जून तक केंद्र ने 70,987 टन प्याज की खरीद की है जबकि पिछले साल इसी अवधि में 74,071 टन प्याज की खरीद की गई थी। अधिकारी ने बताया, 'अनुमानित तौर पर रबी उत्पादन में करीब 20 प्रतिशत की गिरावट के बावजूद इस साल मूल्य स्थिरीकरण बफर के लिए प्याज खरीद की गति काफी हद तक पिछले साल के बराबर है।' उन्होंने कहा कि सरकार मूल्य स्थिरीकरण के लिए पांच लाख टन की खरीदारी के लक्ष्य को हासिल करने की ओर बढ़ रही है।

अधिकारी ने कहा कि सरकार प्याज की कीमतों में स्थिरता बनाए रखने के लिए बफर में प्याज रखने या बाजार में छोड़ने के विकल्प का प्रयोग करेगी। खरीद मूल्य परिवर्तनशील मूल्य है जो प्रचलित बाजार मूल्यों से जुड़ा हुआ है।अधिकारी ने बताया कि प्याज की कीमतों में वृद्धि प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में कम बारिश के कारण पिछले वर्ष की तुलना में खरीफ, देर खरीफ और रबी में 2023-24 में उत्पादन में लगभग 20 प्रतिशत की कमी के कारण हुई है।कीमतों को नियंत्रित करने के लिए, सरकार ने पिछले साल अगस्त से अब तक 40 प्रतिशत के निर्यात शुल्क लगाने की शुरुआत करने समेत श्रेणीबद्ध तरीके से कई उपाय उपाय किए हैं। अक्टूबर, 2023 में न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 800 अमेरिकी डॉलर प्रति टन तय किया गया। 8 दिसंबर, 2023 से निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया।

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