मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह असम सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के साथ जिरीबाम-कछार अंतर-राज्यीय सीमा पर सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करने के लिए गुवाहाटी गए हैं। दरअसल जून के पहले सप्ताह में मणिपुर के जिरीबाम में जातीय हिंसा की घटनाओं के बाद कई लोगों ने असम के कछार में शरण ली है।इंफाल घाटी में रहने वाले मैतेई और पहाड़ियों में रहने वाले कुकी के बीच जातीय संघर्ष के कारण 200 से अधिक लोगों की मौत हुई। हजारों लोग बेघर हुए हैं। वहीं जिरीबाम, जिसमें मैतेई, मुस्लिम, नागा, कुकी और गैर-मणिपुरी लोगों की एक विविध जातीय संरचना है। पिछले साल मई से मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष से अब तक अप्रभावित रहा है। लेकिन पिछले दिनों जिरीबाम में जातीय हिंसा की घटनाएं हुई। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि असम-मणिपुर अंतर-राज्यीय सीमा पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और गश्त और क्षेत्र पर नियंत्रण किया जा रहा है।जून के पहले सप्ताह में मणिपुर के जिरीबाम में जातीय हिंसा की घटनाओं के बाद, राज्य के कई लोगों ने दक्षिणी असम में कछार जिले में शरण ली है। इसके बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को संबंधित अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि मणिपुर की जातीय हिंसा असम में न फैले। उन्होंने निर्देश भी दिए कि पड़ोसी राज्य से शरण लेने वाले लोगों को सभी मानवीय सहायता प्रदान की जाए।
 

By

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *