2024 में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं और एनडीए की सरकार भी बन गई है. हालांकि नतीजों के बाद अब विपक्ष के नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का बिहार में प्रदर्शन ठीक नहीं रहा क्योंकि उसने कुछ गलतियां कीं जिसमें टिकट बंटवारा भी शामिल है.भट्टाचार्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में इस बात से इनकार नहीं किया कि चुनाव में अपेक्षित परिणाम नहीं मिलने के पीछे ‘‘नीतीश कुमार फैक्टर’’ भी एक वजह रहा. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) राज्य में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वाम दलों के साथ ‘महागठबंधन’ में शामिल रही थी. दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि जदयू विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में भी शामिल रहा था लेकिन जदयू 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले, भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो गया. भाजपा और राजग में शामिल दलों जदयू, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से 30 सीटें जीतीं, जबकि ‘इंडिया’ को नौ सीट पर ही जीत मिली. वहीं, एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव ने जीत दर्ज की.

पूर्णिया में पप्पू यादव की जीत का क्या है कारण?

भाकपा (माले) के नेता भट्टाचार्य ने कहा कि पूर्णिया में निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव ने जीत हासिल की क्योंकि राजद ने कांग्रेस को सीट देने से इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा कि भाकपा (माले) ने सीवान सीट की मांग की थी लेकिन राजद ने वहां से चुनाव लड़ा और तीसरे स्थान पर रही और यह सीट जदयू ने जीती. भाकपा (माले) ने आरा और काराकाट दो सीट पर जीत हासिल की है. उन्होंने कहा, ‘‘कुछ गलतियों का शायद व्यापक असर हुआ. इसका असर कई सीटों पर पड़ा. पूर्णिया का ही उदाहरण लीजिए, पप्पू यादव यह सीट जीतने में कामयाब रहे लेकिन यह अकल्पनीय है कि इस तरह के ध्रुवीकृत चुनाव में राजद के आधिकारिक उम्मीदवार को 30,000 से भी कम वोट मिले.’’

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