नई दिल्ली । भारत का नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल (एनबीएफसी) सेक्टर अब दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच चुका है। फिलहाल यूएस और यूके का एनबीएफसी क्षेत्र क्रमश: पहले और दूसरे स्थान पर है। एसबीआई की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। एनबीएफसी केवल लोगों को लोन देने का कार्य करती है। इनके पास बैंकिंग लाइसेंस नहीं होता है। इस कारण ये जनता से जमा स्वीकार नहीं कर सकते। किसी भी देश के आर्थिक विकास में इनकी अहम भूमिका होती है।
बता दें, वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 8.2 प्रतिशत रही है, जो कि दुनिया में सबसे तेज है। वित्तीय सेक्टर के विकास पर एसबीआई की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक दशक में भारतीय बैंकिंग सिस्टम में लचीलापन दिख रहा है। इस दौरान बैंकिंग सिस्टम को कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय हालातों का सामना करना पड़ा। एसेट्स क्वालिटी में सुधार और मजबूत अर्थव्यवस्था के कारण भारत का बैंकिंग सिस्टम अच्छी स्थिति में है।
रिपोर्ट में बताया गया कि महामारी के दौरान भी सरकार ने पूंजी और लिक्विडिटी बफर के जरिए वित्तीय सेक्टर की स्थिरता को बनाए रखा। रिपोर्ट में बताया गया कि डिजिटल बैंकिंग की ओर जोर दिए जाने के कारण सेक्टर की वृद्धि दर में इजाफा हुआ है। डिजिटल प्लेटफॉर्म आने के साथ वित्तीय सेवाओं को पहुंचाने में मदद मिली है। सरकार और नियामकों ने ग्राहकों की सुरक्षा पर ध्यान दिया है और डिजिटल बदलाव के इस दौर में नागरिकों के हितों की रक्षा की गई है।

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