चंडीगढ़ ।   हरियाणा की कांग्रेस विधायक किरण चौधरी व उनकी बेटी पूर्व सांसद श्रुति चौधरी आज भाजपा में शामिल हो गई। दिल्ली में उन्होंने पार्टी का दामन थामा। इस दौरान हरियाणा के सीएम नायब सैनी, पूर्व सीएम मनोहर लाल समेत भाजपा के बड़े नेता मौजूद रहे। किरण और श्रुति चौधरी ने मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेजे इस्तीफे के पीछे किरण ने लिखा है, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हरियाणा में कांग्रेस को व्यक्तिगत जागीर के तौर पर चलाया जा रहा है। इसमें मेरी जैसी ईमानदार आवाजों के लिए कोई जगह नहीं है। मेरे जैसे लोगों को बहुत ही सुनियोजित तरीके से दबाया जाता है। समय-समय पर अपमानित किया जाता है और साजिशें रची जाती हैं। अपने लोगों को प्रतिनिधित्व करने और मूल्यों को बनाए रखने के लिए मेरे प्रयासों में बाधा उत्पन्न की जा रही है। मेरा लक्ष्य शुरू से ही अपने राज्य और अपने देश के लोगों की सेवा करना रहा है। मगर अब ऐसी बाधाओं की वजह से काम करने में असमर्थ हूं। अपने लोगों और कार्यकर्ताओं की आकांक्षाओं को साकार करने के लिए मैं आगे देखने के लिए मजबूर हूं। वहीं, श्रुति चौधरी ने भी अपने इस्तीफे में कहा कि कांग्रेस पार्टी दुर्भाग्य से एक व्यक्ति केंद्रित हो गई है, जिसने अपने स्वार्थी व हितों के लिए पार्टी के हितों से समझौता किया है।

बंसीलाल की पोती हैं श्रुति चौधरी

भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल परिवार का अच्छा खासा प्रभाव था। बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी भी यहां से सांसद रह चुकी हैं। पिछले कुछ समय से किरण को लेकर सियायी गलियारों में अफवाहें और कयास तेज हो गए थे लेकिन मंगलवार को उनके कांग्रेस से इस्तीफे के बाद तस्वीर अब स्पष्ट हो गई है। किरण अपनी बेटी श्रुति का राजनीतिक भविष्य भी साथ लेकर चल रही हैं। ऐसे में किरण चौधरी का फैसला उनकी बेटी श्रुति के राजनीतिक भविष्य को भी तय करेगा। 

उदय भान बोले-कोई फर्क नहीं पड़ता 

किरण चौधरी के कांग्रेस से इस्तीफा देने पर हरियाणा पार्टी के अध्यक्ष उदय भान ने कहा कि इसका कांग्रेस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने पार्टी इसलिए छोड़ी क्योंकि उनकी बेटी को टिकट नहीं दिया गया…इसका विचारधारा से कोई लेना-देना नहीं है।

भूपेंद्र हुड्डा से है खींचतान

प्रदेश कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व किरण चौधरी की आपसी खींचतान जगजाहिर है। किरण चौधरी ने हाल ही में दिए बयान में हरियाणा में कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं होने की बात कह कांग्रेस छोड़ने के संकेत दे दिए थे। प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने भी कह दिया है कि सब स्वतंत्र हैं। अपने फैसले लेने का हक सभी को हैं। भूपेंद्र हुड्डा ने अपने प्रभाव से किरण चौधरी की बेटी पूर्व सांसद श्रुति चौधरी की टिकट काट राव दान सिंह को लोकसभा प्रत्याशी बनाकर इस खींचतान को और बढ़ाने का काम किया था।

किरण के कांग्रेस को अलविदा कहने के बाद भिवानी में भूपेंद्र हुड्डा का गुट मजबूत होगा क्योंकि हुड्डा के यहां हर विधानसभा क्षेत्र में न केवल कार्यकर्ताओं की अच्छी फौज है, बल्कि पूर्व विधायकों का बड़ा धड़ा भी उनके साथ खड़ा है। ऐसे हालातों में किरण के जाने के बाद हुड्डा गुट यहां पहले से अधिक मजबूत होगा।

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