बागपत के काठा गांव में 1100 वर्ष पुराना शिव मंदिर है. यहां पूजा अर्चना करने से हर भक्त की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यहां पर बड़े-बड़े महात्मा और साधु संतों ने यज्ञ तपस्या की और समाधि ली है. इस धाम में सुबह और शाम में चार-चार घंटे तक पूजा अर्चना की जाती है और 28- 28 ज्योति शाम को और 28 ज्योति सुबह इस मंदिर में जलाई जाती है. यहां दिल्ली, कोलकाता, बंगाल व उड़ीसा और देश के अन्य कोने-कोने से लोग आकर पूजा अर्चना करते हैं.

बागपत जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित काठा गांव में भगवान शिव का 1100 वर्ष पुराना मंदिर है. जय शिव मंदिर कथा शिव मंदिर काठा नाम से जाना जाता है. यहां सैकड़ो वर्षों से साधु महात्मा साधु संत पूजा अर्चना करते आए हैं. और यहां पर कई महान पुरुषों ने समाधि ली है. यह शिव भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र है.

दूर-दूर से लोग आते हैं मंदिर
शिव भक्त पंडित सतपाल शर्मा ने बताया कि यह मंदिर 1100 वर्ष पुराना है. इस मंदिर में पूजा अर्चना करने से हर एक व्यक्ति की मन की मुराद पूरी होती है. यहां आने वाला कोई भी व्यक्ति खाली हाथ वापस नहीं लौटता है. भगवान शिव के आशीर्वाद से उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है. यहां दिल्ली, बंगाल, हैदराबाद, उड़ीसा व देश के प्रत्येक कोने से लोग पहुंचते हैं. और भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं. भगवान शिव के इस मंदिर में सभी देवी देवताओं की मूर्ति स्थापित की गई है. यहां मंदिर में सुबह 28 ज्योति और शाम को 28 ज्योति जलाई जाती है. सुबह और शाम को विशेष पूजा पाठ की जाती है, जिसमें लोग शामिल होकर भगवान शिव की भक्ति करते हैं. उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है.

नया काम शुरू करने से पहले कराते हैं पूजा-पाठ
आगे उन्होंने बताया कि भगवान शिव के इस मंदिर में पूजा अर्चना करने से कोई भी कार्य नहीं रुकता है. यहां कोई भी व्यक्ति नया कार्य शुरू करने से पूर्व भगवान शिव के मंदिर में पूजा अर्चना करता है. इससे उसका काम भली-भांति फूलता फलता है. यह भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र है. इसकी लगातार मान्यता बढ़ती जा रही है और लोग दूर-दूर से आकर यहां पूजा पाठ करते हैं.
 

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