कुवैत के मंगफ क्षेत्र की इमारत में लगी आग में 49 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 45 भारतीय थे। 45 भारतीयों में 23 केरल के भी निवासी शामिल हैं। इस घटना के बाद केंद्र ने घायल मलयाली लोगों की मदद के लिए केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज को कुवैत जाने से अनुमति देने से इनकार कर दिया। केंद्र के इस फैसले पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने आलोचना की। केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य की स्वास्थ्य मंत्री को कुवैत जाने की अनुमति नहीं दी गई।वीडी सतीशन ने कहा, "राज्य के प्रतिनिधि इस हादसे में बेहतर ढंग से सहायता प्रदान कर सकते हैं। केंद्रीय सरकार की मदद के लिए राज्य के प्रतिनिधि को भी वहां भेजना चाहिए। केंद्र को जल्द ही राज्य के स्वास्थ्य मंत्री वहां जाने की मंजूरी देनी चाहिए। यह केंद्र की तरफ से एक गलत संदेश है।"

गुरुवार की रात को वीणा जॉर्ज ने कहा, "इस घटना में अपने लोगों के साथ खड़े रहने के लिए हम केंद्र से केवल कुवैत जाने की अनुमति मांग रहे हैं। अनुमति देने से इनकार कर दिया गया है।" बता दें कि केरल सरकार ने राहत कार्य में मदद के लिए राज्य स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज को कुवैत भेजने का फैसला किया था। राहत कार्य में हादसे में घायल भारतीयों की मदद करना और उनका इलाज कराना शामिल है। वीणा जॉर्ज एयरपोर्ट पर घंटों तक इंतजार करती रही। उन्हें अनुमति मिलने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

अधिकारियों ने बताया कि अल-मंगफ इमारत में लगी आग में 49 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 45 भारतीय और बाकि पाकिस्तान, फिलीपींस, नेपाल के नागरिक हैं। दक्षिणी कुवैत के मंगफ क्षेत्र की इमारत में लगभग 195 प्रवासी श्रमिक रहते थे। हादसे में मारे गए भारतीयों के पार्थिव शरीर को लेकर भारतीय वायुसेना का एक विशेष विमान शुक्रवार सुबह कोच्चि पहुंच गया है। विमान केरल के कोच्चि में उतरा है, क्योंकि ज्यादातर मृतक वहीं के थे। इसके बाद विमान दिल्ली आएगा। यहां से शव संबंधित राज्यों में भेजे जाएंगे।

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