सनातन धर्म में तुलसी का महत्व तो आप सभी जानते ही होंगे. यही वजह है कि लगभग सभी घरों में तुलसी का पौधा देखने को मिल जाता है. घर की महिलाएं तुलसी की पूजा भी रोज करती हैं. लेकिन, अक्सर अज्ञानता के कारण कई बार तुलसी के आसपास हम तरह-तरह के पौधा लगा देते हैं, जिसका नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है. घर की तरक्की भी बाधित होती है.

कि शास्त्रों ने तुलसी को लक्ष्मी का स्वरूप बताया है. तुलसी को वृंदा, वृंदावनी, नंदिनी, कृष्णप्रिय आदि प्रचलित नामों से भी जाना जाता है. घर में तुलसी का पौधा लगाने से घर की सारी नेगेटिविटी बाहर होती है, लेकिन, कई बार पौधे के रखरखाव में की गई चूक सौभाग्य की जगह दुर्भाग्य बन जाती है.

तुलसी तोड़ते समय रखें इन बातों का ध्यान
पंडित गिरजेश चतुर्वेदी ने बताया कि तुलसी तोड़ने से पहले कुछ नियमों का ध्यान रखना चाहिए. जैसे पुराने और गंदे कपड़े पहनकर तुलसी को स्पर्श नहीं करना चाहिए. चप्पल-जूते पहनकर तुलसी नहीं तोड़ना चाहिए. यदि आपके हाथों में तेल या कुछ खाद्य सामग्री लगी है तो भी तुलसी को स्पर्श नहीं करना चाहिए.

इस दिन नहीं तोड़ना चाहिए पत्ते
पंडितजी ने बताया कि जैसे तुलसी के पत्ते तोड़ने के नियम हैं, वैसे ही तुलसी पत्ता नहीं तोड़ने का भी नियम है. बताया कि द्वादशी, अमावस्या एवं सूर्य संक्रांति के दिन तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए.

बुरे सपने नहीं आएंगे
आगे बताया कि अक्सर देखने में आता है कि कुछ लोगों को नींद में भयभीत होने की आदत होती है. डरावने सपने आते हैं तो ऐसे लोग तकिए के नीचे पांच तुलसी के पत्ते रखकर सोएं, जिससे उनकी यह समस्या दूर हो जाएगी.

इस दिशा में तुलसी का पौधा लगाना अनुकूल
पंडित गिरजेश चतुर्वेदी ने बताया कि यदि आपका घर छोटा है या आप एक कमरे के मकान में ही क्यों न रह रहे हों, आप अपने घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाएं. इसके लिए पूर्व या उत्तर दिशा का चयन करें. इसके अलावा किसी दिशा में तुलसी का पौधा न लगाएं.

साथ में लगाएं सिर्फ ये पौधा
पंडित जी ने बताया कि कई बार हम जिस तुलसी की पूजा करते हैं, उसके आस-पास तरह के पौधे लगा देते हैं. ऐसा नहीं करना चाहिए. भूलकर भी तुलसी के पौधे के साथ अन्य पौधा न लगाएं या न रखें, जैसे मनी प्लांट, किसी फूल का पौधा, शमी का पौधा आदि. तुलसी के पौधे के पास केवल केले का पौधा ही रखना चाहिए. केले में श्री हरि का वास माना गया है. ऐसे में दोनों पौधों की पूजा से आपको श्री हरि और मां लक्ष्मी की कृपा मिलती रहेगी.
 

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