मुंबई। लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद सभी राजनीतिक दल आत्ममंथन में जुट गए हैं। कौन-कौन सी सीटों पर किस वजह से हार मिली। इस बीच महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और एनसीपी नेता अजित पवार ने एक होटल में विधायकों की बैठक ली। वह स्वयं और उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार बारामति सीट से लोकसभा चुनाव अपनी ननद सुप्रिया सुले से हार गईं हैं। 
बैठक से पहले खबर आई कि अजित पवार के कई विधायक बैठक में नहीं पहुंचे और वह उनके चाचा शरद पवार के संपर्क में हैं। सूत्रों के मुताबिक बैठक में शामिल न होने वाले पांच विधायकों ने बैठक में नहीं पहुंचने की वजह कुछ निजी कारण बताया। इसको लेकर राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गरमा हो गया। इसके बाद अजित पवार ने अपनी चुप्पी तोड़ी।
विधायकों संग बैठक खत्म होने पर अजित पवार ने मीडिया से कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उन्होंने किसी से बात नहीं की। हम महाराष्ट्र के नतीजों से खुश नहीं हैं। नतीजों की जिम्मेदारी मेरी है। मुझे जनता के नतीजों को स्वीकारना होगा। सभी विधायक हमारे साथ हैं। कोई भी विधायक नाखुश नहीं है। बारामती के नतीजों से मैं हैरान हूं और मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि बारामती के ऐसे नतीजे कैसे आए।
उन्होंने कहा कि बारामती के लोगों ने मेरा समर्थन क्यों नहीं किया अन्य निर्वाचन क्षेत्रों को छोड़ दें लेकिन बारामती में मुझे उम्मीद नहीं थी। 
मुसलमान हमसे दूर चले गए, संविधान बदलने की बात चल रही थी और हम उसका मुकाबला नहीं कर सके। यहां तक ​​कि आरक्षण के मामले में, संभाजीनगर को छोड़कर मराठवाड़ा में महायुति को एक भी सीट नहीं मिली. हमें भविष्य में कड़े फैसले लेने होंगे। अजित पवार ने कहा कि मैंने अमोल मिटकरी से कहा, ब्रीफिंग अलग थी. बारामती में कुछ नहीं हुआ। किसी को दोष नहीं दिया जाना चाहिए। 
गौरतलब है कि एनसीपी (अजित पवार) के सूत्रों का कहना है कि सभी पांच विधायकों ने आज बैठक में शामिल न होने के व्यक्तिगत कारण बताए हैं। पांच विधायकों में से कोई भी शरद पवार खेमे के संपर्क में नहीं है। विधायक धर्म राव बाबा अत्राम अस्वस्थ हैं, नरहरि झिरवाल रूस में हैं, सुनील तिंगरे बाहर गए हैं, राजेंद्र शिंगणे अस्वस्थ्य हैं और अन्ना बंसोडे पहले से बिजी चल रहे थे।

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