नई दिल्ली । एनडीए गठबंधन में शामिल टीडीपी और जदयू ने लोकसभा अध्यक्ष का पद सहयोगी दल को देने के लिए कहा है। अटल जी जब प्रधानमंत्री बने थे। पूरे 5 साल सरकार चली थी। उस समय टीडीपी के सांसद बालयोगी लोकसभा के अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे।

 एक बार फिर चंद्रबाबू नायडू ने लोकसभा अध्यक्ष का पद दिए जाने की मांग की है। भारतीय जनता पार्टी उनकी इस मांग और वह जो मंत्रालय चाहते हैं। वह मिलने पर ही वह एनडीए गठबंधन को अपना समर्थन देंगे। वहीं नीतीश कुमार ने भी  महत्वपूर्ण मंत्रालय और लोकसभा अध्यक्ष के पद के लिए दावा पेश किया है।सहयोगी दलों को आशंका है, दल-बदल होने की दशा में लोकसभा अध्यक्ष का पद और उनका निर्णय बहुत महत्वपूर्ण होता है। हाल ही में महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष ने जो फैसला दिया है। वर्तमान स्थिति में सहयोगी दल इससे कम में सहमत नहीं है। सहयोगी दलों को आशंका है, सरकार बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी उनके सांसदों को तोड़ सकती है। जिसके कारण वह लोकसभा अध्यक्ष की मांग पर अड़े हुए हैं। भाजपा इसके लिए तैयार होगी तभी वह अपना समर्थन एनडीए की सरकार के लिए देंगे।

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