कोविड-19 वैक्सीन के साइ़ड इफेक्ट को लेकर एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड का बयान सामने आने के बाद हंगामा मचा हुआ है।

इस बीच कंपनी ने मंगलवार को रोगियों की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। साथ ही कहा कि कुछ ही दुर्लभ मामलों में खून रक्त के थक्के बनने और प्लेटलेट कम होने की संभावना है।

आपको बता दें कि भारत में कोविशील्ड के नाम से यह टीका दी जाती है। इसे पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाया गया है।

यह पहली बार नहीं है जब एस्ट्राजेनेका ने कोविड वैक्सीन से जुड़े दुष्प्रभावों की बात स्वीकारा है। ब्रिटेन की एक अदालत में कंपनी के खिलाफ 100 मिलियन पाउंड का मुकदमा चल रहा है।

कंपनी ने यह स्वीकार किया है कि अत्यंत दुर्लभ मामलों में टीका थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) का कारण बन सकता है। 

एस्ट्राजेनेका ने एक बयान में कहा, “हमारी सहानुभूति उन लोगों के प्रति है जिन्होंने वैक्सीन के साइड इफेक्ट के कारण अपने प्रियजनों को खोया है।

या फिर उन्हें कोई गंभीर समस्या हुई है। रोगियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। टीके सहित सभी दवाओं के सुरक्षित उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए हमारे पास स्पष्ट और कड़े मानक हैं।”

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने टीके को 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी व्यक्तियों के लिए सुरक्षित और प्रभावी बताया है।

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने mRNA तकनीक के बजाय वायरल वेक्टर प्लेटफॉर्म का उपयोग करके कोविशील्ड COVID-19 वैक्सीन विकसित की है।

यह टीका मानव कोशिकाओं में COVID-19 स्पाइक प्रोटीन को ले जाने के लिए एक संशोधित चिंपैंजी एडेनोवायरस ChAdOx1 का उपयोग करता है। हालांकि यह 

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