प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को दो दिवसीय यात्रा पर भूटान के लिए रवाना हो गए हैं।

वे दो दिन (22-23 मार्च) तक भूटान की राजकीय यात्रा पर रहेंगे। प्रधानमंत्री सुबह करीब 7 बजे भूटान के लिए रवाना हुए।

इससे पहले भारत सरकार की ‘पड़ोसी प्रथम नीति’ के तहत मोदी 21-22 मार्च को भूटान जाने वाले थे। हालांकि बाद में यह प्रस्तावित राजकीय यात्रा खराब मौसम के कारण स्थगित कर दी गई थी। 

तब विदेश मंत्रालय की ओर से बताया गया था कि भारत और भूटान पीएम मोदी की दो दिवसीय प्रस्तावित राजकीय यात्रा के लिए नई तारीखों को अंतिम रूप देने पर काम कर रहे हैं।

अब इसमें केवल एक दिन का ही विलंब हुआ है। अब यह दौरा 21-22 मार्च के बजाय 22-23 मार्च तक होगा।

विदेश मंत्रालय ने पहले निर्धारित यात्रा से एक दिन पहले एक बयान में कहा था, ‘‘पारो हवाई अड्डे पर खराब मौसम की स्थिति के कारण, 21-22 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री की भूटान की राजकीय यात्रा स्थगित करने का पारस्परिक निर्णय किया गया है।’’

बता दें कि भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे पिछले सप्ताह बृहस्पतिवार से भारत की पांच दिवसीय यात्रा पर थे। जनवरी में प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा थी।

अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। उन्होंने विभिन्न उद्योगों के प्रमुखों के साथ बैठकें करने के अलावा कई अन्य कार्यक्रमों में शिरकत की थी। 

क्यों खास है मोदी का भूटान दौरा

गौलतलब है कि भारत में लोकसभा चुनाव की कवायद चल रही है। प्रधानमंत्री हर दिन कई रैलियां और रोड शो कर रहे हैं लेकिन इसके बीच में भूटाना दौरे पर जाना इस ओर इशारा कर रहा है कि ये दौरा कितना अहम है।

प्रधानमंत्री मोदी भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और उनके पिता जिग्मे सिंग्ये वांगचुक (भूटान के पूर्व नरेश) से मुलाकात करेंगे।

पीएमओ ने कहा कि यह यात्रा भारत और भूटान के बीच नियमित रूप से होने वाली उच्चस्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा और सरकार की ‘पड़ोसी प्रथम की नीति’ पर जोर देने की कवायद के अनुरूप है।

इस यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री भूटान के नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और भूटान के चौथे नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक से मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री भूटान के अपने समकक्ष शेरिंग टोबगे के साथ भी बातचीत करेंगे।

पीएमओ ने कहा कि भारत और भूटान के बीच आपसी विश्वास, समझ एवं सद्भावना पर आधारित एक अनूठी व स्थायी साझेदारी है। उसने कहा, ‘‘हमारी साझी आध्यात्मिक विरासत और दोनों देशों के लोगों के बीच मधुर संबंध हमारे असाधारण संबंधों में घनिष्ठता एवं जीवंतता का समावेश करते हैं।’’

पीएमओ ने कहा कि यह यात्रा दोनों पक्षों को पारस्परिक हित के द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय मामलों पर विचारों का आदान-प्रदान करने और दोनों देशों के लोगों के लाभ के लिए हमारी अनुकरणीय साझेदारी को विस्तारित एवं मजबूत करने के तौर-तरीकों पर विचार-विमर्श करने का अवसर प्रदान करेगी।

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