टैक्स असेसमेंट केस में दिल्ली हाई कोर्ट में कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया है।

वहीं आयकर विभाग ने टैक्स ट्राइब्यूनल को बताया है कि कांग्रेस पार्टी ने बीते वित्त वर्ष में 1 हजार करोड़ रुपये के कैश की घोषणा की थी।

इशके अलावा 340 करोड़ की अचल संपत्ति की जानकारी भी दी गई थी।

इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूलन में कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई के दौरान आयकर विभाग ने कहा कि विभाग की इस कार्रवाई से पार्टी को कोई मुश्किल नहीं होने वाली है। पार्टी ने पहले ही 657 करोड़ के कोर्पस और 388 करोड़ कैश की घोषणा मार्च 2023 में की थी। 

रिपोर्ट के मुताबिक टैक्स डिपार्टमेंट के सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी के पूरे देश में बहुत सारे बैंक अकाउंट हैं।

वहीं कांग्रेस पार्टी की तरफ से कहा गया था कि उसके अकाउंट टैक्स डिपार्टमेंट ने सीज करवा दिए हैं इस वजह से उसके पास चुनाव लड़ने के लिए फंड ही नहीं बचा है। आईटी का कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने समय पर ऐक्शन पर रोक की मांग नहीं की। 

मामला 2017-18 के वित्त वर्ष का है जब कांग्रेस पार्टी ने बढ़ाई गई डेडलाइन के बाद भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया था। इसके अलावा पार्टी ने 20 हजार रुपये के उपर का चंदा भी कैश में लिया था।

टैक्स डिपार्टमेंट का कहना है कि पार्टी ने 14 लाख से ज्यादा का चंदा कैश में लिया जो कि टैक्स की छूट की सीमा से ज्यादा था। जुलाई 2021 में पार्टी के रिटर्न के असेसमेंट के बाद आयकर विभाग ने 105 करोड़ रुपये की मांग रखी थी।

पार्टी ने केवल 2.5 करोड़ दिए थे। पहले कांग्रेस चाहती तो इसका 20 फीसदी दानी करीब 21 करोड़ देकर भी छुट्टी पा सकती थी। 

हालांकि अब ब्याज के साथ यह डिमांड बढ़कर 135 करोड़ की हो गई है। अगर कांग्रेस पार्टी इसका भुगतान नहीं करती है तो यह बढ़ती ही रहेगी व हीं कांग्रेस ने इस डिमांड को कोर्ट में चुनौती दी है।

13 मार्च ोक दिल्ली हाई कोर्ट ने कांग्रेस के बैंक खातों पर आईटी ऐक्शन की रोक की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। वहीं कोर्ट ने यह भी कहा था कि इनकम टैक्स ट्राइब्यूनल के फैसले को छेड़ने की कोई वजह नहीं दिखाई दे रही है। 

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