लोकसभा चुनाव में  जनता के बीच पैठ बनाए बिना ही सीधे चुनावी मैदान में कूदना, कई नेताओं के लिए किरकिरी की वजह बन जाता है।

ऐसे नेताओं को चुनाव में जीत तो दूर, वोट मिलने भी मुश्किल हो जाते हैं।

इस क्रम में अगर उत्तराखंड को लेकर आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां 47 प्रत्याशी ऐसे थे, जिन्हें जीत तो छोड़िए, सम्मानजनक हार तक नसीब नहीं हो सकी।

गढ़वाल संसदीय क्षेत्र का आकलन करें तो बीते लोकसभा चुनाव में जीतने वाले प्रत्याशी के निकटतम प्रतिद्वंद्वी 30 प्रतिशत वोट भी नहीं जुटा पाए।

यानी जो भी जीता, उसे जनता ने भरपूर समर्थन दिया। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड में पांच सीटों पर सांसद बनने के लिए 52 प्रत्याशियों ने पर्चा दाखिल किया था।

चुनाव नतीजे घोषित हुए तो पता चला कि उनमें से 35 प्रत्याशियों की जमानत ही जब्त हो गई।

इन मामलों में संसदीय सीट पर जीत दर्ज करने वाले प्रत्याशियों के खाते में 50 से 60 प्रतिशत तक वोट आए जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वियों को 25 से 35 प्रतिशत वोट से ही संतोष करना पड़ा।

2019 में वोटों का बंटवारा
सीट        विजेता    निकटम

गढ़वाल    68.30    27.51    
टिहरी    64.50    30.22
अल्मोड़ा    64.00    30.48
नैनीताल    61.40    34.41
हरिद्वार    52.40    32.02

By

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *