भारतीय नौसेना ने 40 घंटे चले एक अभियान में सोमालिया के 35 समुद्री डाकुओं को पकड़ने और उनके द्वारा बंधक बनाए गए 17 बंधकों को मुक्त कराया।

इस अभियान के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले सात साल में सोमालिया के समुद्री डाकुओं से किसी जहाज को इस तरह से छुड़ाने का यह पहला सफल अभियान है।

समुद्री लुटेरों ने जहाज को तीन महीने पहले हाइजैक किया था। बुल्गारिया के राष्ट्रपति भारतीय नेवी की बहादुरी के कायल हो गए हैं।

हाइजैक शिप से अपने सात नागरिकों की जान बचाने को लेकर बुल्गारिया के राष्ट्रपति रूमेन राडेव ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी और भारतीय नेवी को धन्यवाद कहा है।

नौसेना ने शनिवार को अभियान के तहत भारतीय तट से लगभग 2,600 किलोमीटर दूर पूर्व में माल्टा के ध्वजांकित व्यापारिक जहाज (एमवी) रुएन को अपने कब्जे में लिया। नौसेना ने करीब 40 घंटे के अभियान के दौरान आईएनएस कोलकाता और आईएनएस सुभद्रा और सी गार्जियन ड्रोन को तैनात किया।

अभियान के लिए सी-17 विमान से विशिष्ट मार्कोस कमांडो को उतारा गया। नौसेना ने बाद में बताया कि एमवी रुएन का सोमालिया के जलदस्युओं ने 14 दिसंबर को अपहरण कर लिया था।

एक बयान में, नौसेना ने कहा कि एमवी रुएन की समुद्री यात्रा की क्षमता का आकलन किया जा रहा है और पोत पर लगभग 37,800 टन माल लदा है जिसकी कीमत करीब 10 लाख अमेरिकी डॉलर है। इसे सुरक्षित भारत लाया जाएगा।

भारतीय नेवी की बहादुरी का मुरीद हुआ बुल्गारिया
बुल्गारिया की विदेश मंत्री मारिया गेब्रियल ने अपहृत जहाज और उनके देश के सात नागरिकों सहित चालक दल के सदस्यों को बचाने के सफल अभियान के लिए भारतीय नौसेना का आभार व्यक्त किया।

गेब्रियल की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ‘एक्स’ पर कहा, ”दोस्त इसी के लिए होते हैं।”

अब इस पर बुल्गारिया के राष्ट्रपति रूमेन राडेव का रिएक्शन आया है। सोशल मीडिया पर वो लिखते हैं, “अपहृत बुल्गेरियाई जहाज “रुएन” और 7 बुल्गेरियाई नागरिकों सहित उसके चालक दल को बचाने के लिए नौसेना की बहादुरीपूर्ण कार्रवाई के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के प्रति मेरी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं।”

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