आगामी लोकसभा चुनाव से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने फिर से दोहराया है कि ममता बनर्जी की पार्टी राज्य की सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है।

गौरतलब है कि बीते 24 घंटे के दौरान सूत्रों से यह जानकारी सामने आई थी कि ममता बनर्जी और कांग्रेस के बीच में सीट बंटवारे को लेकर फिर से बातचीत का दौर शुरू हुआ है, जिससे कांग्रेस के लिए राहत माना जा रहा था।

इसी दौरान, यह भी सामने आया कि ममता बनर्जी कांग्रेस को पांच सीटें दे सकती हैं। हालांकि, फिर यह भी दावा किया गया कि सिर्फ दो सीटें ही कांग्रेस को दिए जाने की बातें चल रही हैं। इन सबके बीच शुक्रवार रात फिर से कांग्रेस को झटका लगा है।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा है कि कुछ हफ्ते पहले टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि टीएमसी राज्य की सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है।

इसके अलावा, असम और मेघालय की तुरा सीट पर भी उम्मीदवार उतारे जाएंगे। इस स्थिति में अब भी कोई बदलाव नहीं आया है।”

टीएमसी सांसद के इस बयान से साफ है कि तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के साथ गठबंधन करके चुनाव नहीं लड़ेगी और राज्य की सभी 42 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने की तैयारी कर रही है।

पिछले एक-दो दिनों में विपक्षी गठबंधन इंडिया के लिए कई तरह की सकारात्मक खबरें सामने आ रही थीं। पहले कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का यूपी में अलायंस फाइनल हुआ तो दिल्ली, हरियाणा, गुजरात आदि के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच भी गठबंधन लगभग तय हो गया।

‘आप’ और कांग्रेस के बीच अगले 24 घंटे में गठबंधन का ऐलान किया जा सकता है। उधर, महाराष्ट्र में भी महाविकास अघाड़ी के बीच सीटों का बंटवारा लगभग-लगभग तय हो गया है। ऐसे में भले ही कई दलों से गठबंधन फाइनल हो गया है, लेकिन पश्चिम बंगाल में टीएमसी का मैदान में अकेले उतरने से कांग्रेस को झटका लग सकता है।

पश्चिम बंगाल में टीएमसी का सामना बीजेपी से है। पिछले लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को जहां 22 सीटें मिली थीं तो बीजेपी ने 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

हालांकि, वोट फीसदी में भी कोई बहुत बड़ा फर्क नहीं था। टीएमसी को 42 फीसदी और बीजेपी को 40 फीसदी वोट मिले थे। उधर, कांग्रेस पिछले लोकसभा चुनाव में महज दो सीटें ही जीत सकी थी।

इसके अलावा, लेफ्ट का खाता भी नहीं खुला था। लोकसभा चुनाव की घोषणा अगले महीने की जा सकती है।

इस समय चुनाव आयोग के अधिकारी विभिन्न राज्यों का दौरा कर रहे हैं और आम चुनाव से संबंधित जानकारियों और तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि मार्च महीने में चुनाव आयोग आम चुनाव के बारे में ऐलान कर सकता है।

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