बिहार की सियासत में अब यह बात लगभग तय हो गई है कि नीतीश कुमार रविवार को एक बार फिर भाजपा के सोपर्ट से मुख्यमंत्री बनेंगे।

ऐसा बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार महागठबंधन का साथ छोड़ देंगे और एनडीए का दामन थाम लेंगे।

इसी क्रम में नीतीश कुमार का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें नीतीश कुमार कहते नजर आ रहे हैं कि वह एनडीए में फिर जाने से पहले मरना पसंद करेंगे।

इस वीडियो को कई नेताओं ने शेयर कर नीतीश कुमार से सवाल पूछा है। 

समाजवादी नेता राजीव राय ने नीतीश कुमार का पुराना वीडियो शेयर करते हुए कहा, “माननीय नीतीश कुमार जी हम सब चाहते हैं कि आपकी लम्बी उम्र हो, आप देश के बड़े नेता हैं।

आपसे हम सबको उम्मीद है कि भाजपा के खिलाफ आपने प्रतिज्ञा किया था, उसे हम सब मिलकर पूरा करेंगे। INDIA गठबंधन के जनक हैं आप, अगर फिर पलटी मारेंगे तो जनता क्या सोचेगी?” शेयर किए जा रहे वीडियो की बात करें तो नीतीश ने 2023 में कहा था, ”उनके (भाजपा) साथ जाने के बजाय मरना पसंद करूंगा। ये सभी बातें फर्जी हैं… उन्होंने मुझे अपने पक्ष में लाने के लिए बिना किसी कारण के तेजस्वी और उनके पिता के खिलाफ मामले दर्ज किए।” 

कब-कब पाला बदल चुके हैं नीतीश कुमार
उल्लेखनीय है कि अगस्त 2022 में नीतीश कुमार ने बीजेपी से अपना गठबंधन तोड़ दिया और राजद के साथ  महागठबंधन का हिस्सा हो गए।

2020 के चुनाव में वह बीजेपी के साथ थे। नीतीश कुमार को पाला बदलने के लिए जाना जाता है, जिसकी शुरुआत कई साल पहले हुई थी।

1994 में उन्होंने जॉर्ज फर्नांडीस के साथ समता पार्टी बनाने के लिए तत्कालीन जनता दल से नाता तोड़ लिया था। 1996 में उन्होंने बीजेपी से हाथ मिलाया और अटल बिहारी वाजपेई की कैबिनेट में मंत्री बने।

2003 में नीतीश कुमार ने अपनी समता पार्टी का जनता दल में विलय करने का फैसला किया और पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) बन गई।

2013 में, नरेंद्र मोदी के 2014 के लिए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने के विरोध में नीतीश कुमार ने एनडीए के साथ अपना 17 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया।

2015 के चुनाव के लिए नीतीश कुमार ने राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया, जिसे उन्होंने 2017 में तोड़कर एनडीए में वापस आ गए।

बिहार में भी आमने सामने नीतीश-तेजस्वी?
समाचार एजेंसी पीटीआई ने उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से बताया कि नीतीश कुमार रविवार सुबह तक अपना इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।

हालिया घटनाक्रम पर सस्पेंस बना हुआ है कि बिहार में आने वाले दिनों में क्या-क्या होने वाला है। बिहार में नीतीश के तेवर के आगे आरजेडी निढाल नजर आ रही है। 

तेजस्वी यादव ने भी कह दिया है कि वह जनता की शरण में जाएंगे। इसके मतलब वह विपक्ष में बैठने को तैयार हैं और यह बताने की कोशिश करेंगे को आरजेडी ने नीतीश को नहीं बल्कि नीतीश ने ही धोखा दिया है।

आरजेडी का कहना है कि उसने अपना गठबंधन धर्म निभाया है। 

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