नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने संभल में 1978 में हुए दंगों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार संभल में हुए 1978 के सांप्रदायिक दंगों की जांच करवाएगी। इसे लेकर योगी सरकार ने एक आदेश भी जारी कर दिया है। सरकार ने सात दिनों में रिपोर्ट मांगी है। संभल प्रशासन और पुलिस मामले की जांच करेंगे।

बता दें कि दिसंबर 2024 में विधानसभा सत्र के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने संभल दंगे पर वक्तव्य दिया। इसके बाद से इस दिशा में काम तेज हो गया था। सीएम योगी ने बीते दिसंबर को विधानसभा में कहा था कि 1947 से लेकर अभी तक संभल में 209 हिंदुओं की जान दंगों के चलते गई है। संभल में 29 मार्च 1978 को दंगे के दौरान आगजनी की घटनाएं हुई थीं। इस घटना में कई हिंदू मारे गए थे।

भय के चलते 40 रस्तोगी परिवारों को घर छोड़कर भागना पड़ा। पलायन के गवाह अभी मौजूद हैं। मंदिर में कोई पूजा करने वाला बचा नहीं था। घटना के 46 साल बाद अभी तक किसी को सजा तक नहीं मिली। प्रशासन और स्थानीय लोगों की सक्रियता से 46 साल से बंद मंदिर के पट खुले। इसके बाद से अधिकारी संभल दंगों से जुड़ी फाइलों को खंगालने लगे थे।

संभल में वर्ष 1978 का दंगा 29 मार्च को हुआ था। इस दंगे में शहर जल उठा था। हालात को संभालने के लिए प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया था। फिर भी शहर में दोनों समुदायों के बीच तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। ऐसी स्थिति में कर्फ्यू का अंतराल बढ़ता गया। संभल में दो महीने तक तक कर्फ्यू लगा रहा।

वर्ष 1976 में संभल में मस्जिद के इमाम की हत्या के बाद बवाल हो गया था। उस वक्त प्रशासन ने हालात काबू कर लिया था। लेकिन शहर में तनाव बरकरार था। राजनीतिक महत्वकांक्षी को लेकर मुस्लिम लीग के एक नेता ने बाजार में दुकानों को बंद करना शुरू किया था।

दूसरे समुदाय के व्यापारियों ने इसका विरोध किया। मारपीट के हालात बनने पर नेता के साथी उन्हें छोड़कर माके से भाग निकले। इन्हीं साथियों ने नेता के मारे जाने की अफवाह फैला दी। इसके बाद दंगा भड़क गया। दुकानों में लूटपाट, पथराव, आगजनी शुरू हो गई। देखते ही देखते पूरा शहर जल उठा था।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *