प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के लोगों को सामाजिक सेवा योजनाओं से सशक्त बनाने के विजन के तहत, आज नई दिल्ली स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में अयोजित एक समारोह के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के अंतर्गत सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड और कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस साझेदारी का उद्देश्य देश भर में अंतिम छोर तक लाभार्थियों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करना है।

यह रणनीतिक साझेदारी भारत भर के व्यापारियों और नागरिकों को केंद्र सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत लोगों को पंजीकरण में सहायता प्रदान कर सशक्त करेगी जिनमें मुख्य रूप से :
• राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस)
• प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना
• अटल पेंशन योजना
• प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना
• लखपति दीदी और डिजी सखी योजना
• प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना
• प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, और अन्य अनेक योजनाएं ।

इस पहल के तहत, सीएससी कैट के साथ साझेदारी करते हुए बड़ी मात्र में शिविरों का आयोजन करेगा, जिससे इन योजनाओं को सीधे व्यापारियों और आम जनता तक पहुंचाया जाएगा। इसका उद्देश्य लाखों लोगों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करना और सरकारी कल्याणकारी योजनाओं तक उनकी पहुंच को सरल बनाना है।

सीएससी एसपीवी, जो डिजिटल इंडिया मिशन का एक प्रमुख हिस्सा है, पूरे देश में लगभग 6 लाख सीएससी केंद्र संचालित करता है। ये केंद्र डिजिटल और वित्तीय रूप से समावेशी भारत की रीढ़ के रूप में कार्य करते हैं और सरकारी योजनाओं को दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

कैट, जो 48,000 से अधिक व्यापारी एसोसिएशन तथा फेडरेशन के माध्यम से देशभर के 9 करोड़ से अधिक व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करता है, व्यापारिक समुदाय और अन्य व्यावसायिक लाभार्थियों के कल्याण और विकास के प्रति समर्पित है। यह समझौता ज्ञापन व्यापारियों और अन्य वर्गों के लिए व्यापक सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के कैट के मिशन के साथ मेल खाता है और उनकी आर्थिक भूमिका को और मजबूत करता है।

इस अवसर पर, कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एव चांदनी चौक से सांसद श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की यह समझौता ज्ञापन भारत के व्यापारिक समुदाय को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। छोटे व्यापारी लंबे समय से भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहे हैं, लेकिन वे अक्सर जागरूकता और पहुंच की कमी के कारण सरकारी कल्याण योजनाओं का लाभ उठाने में असमर्थ रहे हैं। सीएससी और कैट के बीच यह साझेदारी सुनिश्चित करेगी कि ये महत्वपूर्ण योजनाएं—पेंशन से लेकर उद्यमशीलता समर्थन तक—देश के हर कोने तक, विशेष रूप से छोटे व्यापारियों तक पहुंचे।”

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्री बी.सी. भरतिया ने कहा की सीएससी के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और कैट के 9 करोड़ से अधिक व्यापारियों के व्यापक नेटवर्क की संयुक्त पहुंच के साथ, यह पहल न केवल लाखों व्यापारियों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करेगी बल्कि एक अधिक समावेशी और सामाजिक रूप से सशक्त व्यापारिक समुदाय को बढ़ावा देगी। यह साझेदारी वित्तीय समावेशन के सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाती है और एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।”

सीएससी ई-गवर्नेंस के प्रबंध निदेशक और सीईओ, श्री संजय राकेश ने कहा:
“लगभग 6 लाख वीएलई के साथ, सीएससी की 15 साल की यात्रा सामाजिक उत्थान के लिए सामुदायिक और गैर-सरकारी सेवा वितरण की शक्ति को दर्शाती है। हमारा लक्ष्य दूरदराज के क्षेत्रों में स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाकर उनके जीवन में बदलाव लाना है। यह समझौता सामाजिक सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने में सीएससी की भूमिका को और मजबूत करता है।”

इस कार्यक्रम में सीएससी एसपीवी के वरिष्ठ अधिकारियों, कैट के प्रतिनिधियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जो तकनीक-आधारित और सामाजिक रूप से प्रभावशाली पहलों के माध्यम से भारत के व्यापारिक समुदाय को सशक्त बनाने के प्रति उनकी साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

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