इंदौर। गलत ढंग से कंपनी का पैसा अपने और परिवार के एकाउंट में डालने की आर्थिक गड़बड़ियों में विवाद में आए जीआरवी बिस्किट्स के गौरव अहलावत बचने के लिए उल्टा कंपनी के निवेशकों और कर्ता-धर्ताओं पर ही आरोप लगा रहे हैं। अब अपने निर्दोष पिता संजय जैसवानी की लड़ाई लड़ने बेटा तरुण जैसवानी खुद मैदान में आ गए है। गौरव अहलावत द्वारा लगाए आरोपों के खिलाफ उद्योगपति संजय जैसवानी के बेटे तरुण जैसवानी ने गुरुवार को बताया कि अहलावत अपनी काली करतूतों को छुपाने के लिए पुलिस प्रशासन व अन्य सरकारी एजेंसियों और मीडिया पर दबाव बनाना चाहता है। जबकि अहलावत खुद ही धोखेबाज है, उसने दिल्ली में भी लोगों के साथ धोखाधड़ी की है। लेकिन अहलावत के झूठ और फरेब बस कुछ समय के हैं, नौटंकी और ढोंग के सामने कानूनी सबूत रख कर सच दुनिया के सामने लाया जाएगा।

जैसवानी के बेटे का कहना है कि अहलावत जिस जीआरवी कंपनी के बारे में बात कर रहा है उसमें 130 करोड़ का टर्नओवर हुआ, उसमें सारा पैसा कैमको कंपनी का है। गौरव अहलावत ने सिर्फ तीन करोड़ कंपनी में निवेश करें, जिसके एवज़ में 15 करोड़ रुपए निकाले जा चुके हैं। आधारहीन आरोप लगा रहे हैं।

तरुण ने बताया कि मेरे पिता संजय जैसवानी पिछले कुछ समय से बीमार हैं, हम उनके इलाज में लगे हुए थे, इसलिए अहलावत के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। अब हमने फॉरेंसिक ऑडिट करवाया जा रहा है, उसकी रिपोर्ट पुलिस को सौपेंगे। हमारा निवेदन है कि पुलिस उस रिपोर्ट की गहनता से जांच करे। वहीं तरुण का कहना है कि हम तो चाहते हैं कि सीबीआई भी इस मामले की जांच करे जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। हमारा किसी राजनेता से कोई लेना-देना नहीं है। हम व्यापारी हैं और हर साल टैक्स भरते हैं।

दस हजार परिवार हो रहे परेशान
तरुण जैसवानी का कहना है कि गौरव अहलावत के झूठे आरोपों के चलते हमारा पूरा परिवार बहुत परेशान हैं। पूरा घर डिप्रेशन में है। हम चाहते हैं कि गौरव पर मुक़दमा कायम होना चाहिए। उसके साथ कुछ संस्था मिले हुए है, जिनका हम नाम नहीं लेना चाहते हैं। हम ऐसी कंपनी है, जो 10,000 लोगों को सैलरी देती हैं, लेकिन गौरव अहलावत के कारण दस हजार परिवार परेशान हो रहे हैं। हमारे साथ-साथ कर्मचारी भी डरे हुए हैं और सभी तकलीफ में हैं।

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