नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ अगले महीने सेवानिवृत्ति होने जा रहे हैं। इससे पहले सीजेआई चंद्रचूड़ ने मोदी सरकार को खत लिखा है और अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस संजीव खन्ना के नाम का प्रस्ताव भेजा है। बताया जा रहा है कि वरिष्ठता के आधार पर जस्टिस खन्ना उनकी जगह सीजेआई का पद संभालेंगे।
जानकारी के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर जस्टिस खन्ना के नाम का प्रस्ताव रखा है। बता दें कि जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत हो सकते हैं। दरअसल, अगर केंद्र के मोदी सरकार सीजेआई चंद्रचूड़ की सिफारिश को स्वीकार कर लेती है तो जस्टिस खन्ना भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश होंगे।
जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता देवराज खन्ना भी दिल्ली हाईकोर्ट में जज रहे। जस्टिस संजीव खन्ना के चाचा हंसराज खन्ना सुप्रीम कोर्ट में जज थे। एडीएम जबलपुर बनाम शिवाकांत शुक्ला मामले में जस्टिस हंसराज खन्ना ने बहुमत से अलग फैसला दिया था और चर्चा में आए थे।
जस्टिस संजीव खन्ना ने स्कूल की शिक्षा दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से ली। फिर 1980 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने कैंपस लॉ सेंटर से वकालत की पढ़ाई की। जस्टिस संजीव खन्ना ने बतौर वकील 1983 से काम शुरू किया था। जस्टिस संजीव खन्ना को पब्लिक लॉ, टैक्स कानूनों का विशेषज्ञ माना जाता है। वो दिल्ली सरकार के वकील रहे और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के स्टैंडिंग काउंसिल का पद भी संभाला।
जस्टिस संजीव खन्ना 24 जून 2005 को दिल्ली हाईकोर्ट में एडिशनल जज बने थे। 20 फरवरी 2006 को वो स्थायी जज बन गए। साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस संजीव खन्ना को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की। 18 जनवरी 2019 से संजीव खन्ना सुप्रीम कोर्ट के जज हैं।